चारधाम यात्रा में अब तक दर्शन करने वाले तीर्थयात्रियों का आंकड़ा पांच लाख पार हो गया है। केदारनाथ धाम में सबसे अधिक 1.75 लाख श्रद्धालुओं ने दर्शन किए हैं। पर्यटन विभाग की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार 22 अप्रैल से 7 मई तक केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम में 505286 लाख से अधिक यात्रियों ने दर्शन किए हैं। इसमें केदारनाथ धाम में 1.75 लाख, बदरीनाथ में 1,18,116, गंगोत्री में 1.13 लाख, यमुनोत्री मंदिर में एक लाख श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं।
स्वास्थ्य संबंधित दिक्कतों के बाद यात्रा करने में जोखिम उठा रहे श्रद्धालु
चारधाम यात्रा में आने वाले कई श्रद्धालु स्वास्थ्य संबंधित दिक्कतों को नजर अंदाज कर जोखिम उठा रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग की ओर से यात्रा मार्गों पर की जा रही स्क्रीनिंग में उच्च रक्त चाप, अस्थमा समेत सांस से संबंधी बीमारियां सामने आ रही हैं। केदारनाथ व यमुनोत्री धाम में 33 यात्रियों को यात्रा न करने की सलाह दी गई। अब तक यात्रा मार्ग पर 55 साल से ऊपर के 40 हजार से अधिक यात्रियों की स्क्रीनिंग की गई है।
केदारनाथ, बदरीनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री धाम की यात्रा करने के लिए स्वास्थ्य विभाग की ओर से यात्रा मार्गों में श्रद्धालुओं के स्वास्थ्य की जांच की जा रही है। चारोंधाम उच्च हिमालयी क्षेत्रों में होने के कारण श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य संबंधित दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
जो श्रद्धालु पहले से किसी बीमारी से ग्रसित हैं, उनके लिए जोखिम ज्यादा रहता है। इस बार स्वास्थ्य विभाग ने यात्रा मार्गों पर 22 मेडिकल केयर प्वाइंट स्थापित किए हैं। जहां पर श्रद्धालुओं की स्क्रीनिंग की जा रही है। केदारनाथ व यमुनोत्री धाम की यात्रा करने के लिए 1325 श्रद्धालुओं ने स्वास्थ्य संबंधित दिक्कतें होने के बाद भी यात्रा करने के लिए खुद जिम्मेदारी ली है।
पर्यटन विभाग के रिकॉर्ड के अनुसार चारधाम यात्रा में 22 अप्रैल से लेकर 6 मई तक 55 वर्ष से अधिक आयु के 40 हजार से अधिक और 54 वर्ष से कम आयु के 42 हजार से अधिक श्रद्धालुओं की स्क्रीनिंग की गई।
सचिव स्वास्थ्य डॉ. आर. राजेश कुमार ने बताया कि चारधाम यात्रा में आने वाले 55 वर्ष से अधिक आयु के सभी श्रद्धालुओं की मेडिकल केयर प्वाइंट पर स्क्रीनिंग की जा रही है। उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील की है कि यात्रा शुरू करने से पहले डॉक्टरों का परामर्श लें, जिससे यात्रा के दौरान किसी तरह की दिक्कतों का सामना न करना पड़े।