काठ बंगला बस्ती में महिलाओं ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की, अतिक्रमण अभियान स्थगित

एमडीडीए की ओर से बीते सोमवार को एक दिन के लिए काठ बंगला बस्ती में चलाए गए अतिक्रमण अभियान के बाद से जेसीबी नहीं गरज सकी है। मंगलवार को लोगों के हंगामे के बाद अभियान नहीं चला। जबकि बुधवार को जेसीबी के साथ पुलिस फोर्स भी पहुंच गई, लेकिन एमडीडीए की टीम ने सिर्फ मकानों पर लाल निशान लगाए। अधिकारियों का कहना है कि निशान लगाने का काम पूरा कर लिए जाने के बाद बृहस्पतिवार से अभियान शुरू होगा।

नदियों के किनारे देहरादून की मलिन बस्तियों में अवैध अतिक्रमण के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत बुधवार को भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। इससे पहले सोमवार को एमडीडीए की टीम ने भारी संख्या में पुलिस बल की मौजूदगी में काठ बंगला बस्ती में 26 मकानों को ध्वस्त कर दिया था। इसी दिन शाम को गबर सिंह बस्ती में एक महिला की मौत हो गई थी। अगले दिन मंगलवार को बस्ती के लोगों ने मकान टूटते हुए देखकर सदमा लगने से महिला की मौत होने का आरोप लगाते हुए सड़क पर जाम लगाकर हंगामा कर दिया था।

इस दौरान बड़ी संख्या में एकत्र महिलाओं ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की थी और यहां से गुजर रही प्रमुख सचिव की गाड़ी को भी रोक लिया था। बाद में पुलिस ने कई लोगों को हिरासत में लेकर लोगों को सड़कों से तितर बितर कर यातायात बहाल कराया था। इसके चलते टीम ने अतिक्रमण अभियान नहीं चलाया। हालांकि मकानों पर लाल निशान लगाए थे। बुधवार को माना जा रहा था कि अतिक्रमण हटाया जाएगा। सुबह के समय कई जेसीबी और भारी संख्या में पुलिस बल भी पहुंच गया था। लेकिन अतिक्रमण चिह्नित होने का काम पूरा नहीं हो पाने के कारण अभियान को स्थगित कर दिया गया। जिसके बाद एमडीडीए की टीम ने लोगों से उनके घर के बाबत 2016 से पहले के प्रमाण पत्र देखे।

जिन लोगों के पास प्रमाण पत्र नहीं मिले, उनके घरों पर निशान लगाए गए। एमडीडीए उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने बताया कि नगर निगम की ओर से जो सूची सौंपी गई थी, उसी पर जांच करते हुए कार्रवाई की जा रही है। इसके साथ जो लोग अभी भी वैध प्रमाण प्रस्तुत कर रहे हैं। उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जाएगी।

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