जोशीमठ में हो रही भूधसाव की घटनाएं चर्चा पर है, वहीं बीती देर रात पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भूधसाव से प्रभावितों की मदद में एक घंटा मौनव्रत रखा, साथ ही पूर्व सीएम ने सरकार से तत्काल विस्थापन प्रक्रिया शुरू करने की मांग की।
बीती देर रात को गांधी पार्क में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत कार्यकर्त्ताओं के साथ पहुंचे थे। उन्होंने कहा कि जोशीमठ जगदगुरु शंकराचार्य की तपोभूमि है। जिस तरह से जोशीमठ का बड़ा क्षेत्र भूधंसाव से प्रभावित हो रहा है।
यदि समय पर प्रभावितों का विस्थापन और समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो आने वाले समय में सरकार के लिए बड़ी चुनौती बनेगी। जोशीमठ को बचाने के लिए एक्सपर्ट की टीम भेजी जानी चाहिए। जिससे वहां के अस्तित्व पर मंडरा रहे संकट को टाला जा सके।
पूर्व सीएम ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार किसी बड़ी अनहोनी का इंतजार कर रही है। कई वर्षों से जोशीमठ में भूधंसाव के संकेत मिल रहे थे। लेकिन, सरकार ने गंभीरता से नहीं लिया। ऐसे में प्रभावित क्षेत्र का जनमानस खतरे से जंग से लड़ रहा है। वहां के लोग कड़ाके की ठंड में खुले में रात बिताने को मजबूर हैं। लेकिन, सरकार की ओर से उन लोग तक न तो राहत सामग्री पहुंचायी जा रही, नहीं विस्थापन की व्यवस्था की जा रही है।
जो भी निर्माण कार्य किए जा रहे हैं, उनकी तत्काल रिपोर्ट तैयार कर सार्वजनिक की जानी चाहिए। कहा प्रभावितों के साथ कांग्रेस पूरी तरह से खड़ी है। किसी भी व्यक्ति का अहित नहीं होने दिया जाएगा।
इस मौके पर पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल, पूर्व विधायक मनोज रावत, पृथ्वीपाल चौहान, आचार्य नरेशानंद नौटियाल, महेंद्र नेगी, ओम प्रकाश सती, सुशील राठी, श्याम सिंह चौहान, रितेश क्षेत्री, संजय थापा, वीरेंद्र पोखरियाल, अमित रावत, मनीष नागपाल, मोहन काला, आयुष, मनमोहन शर्मा, गुल मोहम्मद, सूरज क्षेत्री , मुकेश गैरोला, वीर सिंह, पीयूष जोशी, शकील मंसूरी आदि मौजूद रहे।