देहरादून:- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सोमवार को कैबिनेट बैठक संपन्न हुई। जिसमें प्रदेश की आबकारी नीति 2023-24 को मंजूरी मिल गई। जिसके बाद अब प्रदेश में देशी-विदेशी शराब सस्ती हो जाएगी। उत्तर प्रदेश से उत्तराखंड में शराब तस्करी को देखते हुए सरकार ने यह फैसला लिया है। प्रदेश में नई आबकारी नीति एक अप्रैल से लागू हो जाएगी।
बता दें कि सचिवालय स्थित विश्वकर्मा भवन के वीर चंद्र सिंह गढ़वाली सभागार में हुई बैठक में तीन प्रस्ताव आए। इसमें पहला प्रस्ताव कोसी और गोला नदी में चलने वाले वाहनों के फिटनेस शुल्क को लेकर था। जिस पर मुख्यमंत्री पूर्व में विचलन से निर्णय ले चुके थे। दूसरा प्रस्ताव एकल आवास के नक्शों के पास करने का था। जबकि तीसरा आबकारी नीति का था। तीनों प्रस्तावों को कैबिनेट की मंजूरी मिल गई।
तीनों प्रस्ताव पर लगी मुहर
नक्शे पास कराने की प्रक्रिया आसान
- उत्तराखंड में एकल आवास के नक्शे पास कराने की प्रक्रिया आसान हुई।
- नक्शे के लिए एफिडेविट के साथ कर सकते हैं आवेदन।
- सात दिन के भीतर अगर प्राधिकरण ने आपत्ति ना लगाई तो शुरू कर सकते हैं भवन निर्माण।
वाहनों का फिटनेस शुल्क
- इसके तहत एक साल तक वाहनों की फिटनेस के लिए पुराना शुल्क लिया जाएगा।
- एक साल बाद वाहनों की फिटनेस के लिए नया शुल्क लागू होगा।
आबकारी नीति को मंजूरी
- यूपी के मुकाबले प्रदेश में शराब केवल 20 रुपये महंगी रखी जाएगी। इस निर्णय से प्रदेश में शराब के दामों में 100 से 300 रुपये तक प्रति बोतल की कमी आ जाएगी।
- प्रति बोतल तीन रुपये महिला कल्याण, युवा कल्याण व खेल विभाग और गौवंश संरक्षण के लिए बतौर सेस वसूला जाएगा। यानी हर विभाग को प्रति बोतल शराब की बिक्री पर एक रुपया मिलेगा। एक अनुमान के अनुसार, चार से पांच लाख बोतल शराब प्रतिदिन बिकती है। इस हिसाब से प्रत्येक विभाग को हर महीने एक से डेढ़ करोड़ राजस्व मिलने की उम्मीद है।
- कैबिनेट ने नई दुकानें खोलने की अनुमति दे दी है। शराब को सस्ती करने के लिए मिनिमम गारंटी ड्यूटी (एमजीडी) में कमी का निर्णय लिया गया है। वहीं, नीति के तहत सरकार ने आबकारी विभाग को वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए चार हजार करोड़ रुपये का लक्ष्य दिया है। इस साल का लक्ष्य 3600 करोड़ रुपये का है।