मुख्य सचिव डॉ. एस.एस. संधु ने सचिवालय में स्वयं सहायता समूहों को बढ़ावा देने हेतु संचालित योजनाओं की समीक्षा बैठक करते हुए कहा कि अधिक से अधिक स्वयं सहायता समूह सृजित कर क्लस्टर आधारित रोजगार प्रदान कर सकते हैं। मुख्य सचिव ने कहा कि स्वयं सहायता समूहों को कार्यों का परिसीमन न करके पूर्ण स्वतंत्रता दी जानी चाहिए। स्वयं सहायता समूहों को मात्र उत्पादन और वितरण जैसे कार्यों में न लगा कर सर्विस सेक्टर से भी जोड़ा जाना चाहिए। सीएस ने कहा कि विभिन्न राज्यों में स्वयं सहायता समूहों को आजीविका से जोड़ने हेतु की जा रही गुड प्रैक्टिसेज का अध्ययन कर प्रदेश में लागू किए जाने की दिशा में कार्य किया जाए व सरकार के विभिन्न कार्यों और इवेंट मैनेजमेंट जैसे कार्यों को समूहों से कराए जाने पर भी विचार किया जाए।
मुख्य सचिव ने निर्देश दिए कि स्वयं सहायता समूहों को मजबूत करने हेतु मार्केटिंग, बाजार उपलब्ध कराए जाने के साथ ही उत्पादों का संग्रहण और ट्रांसपोर्टेशन आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। इस अवसर पर सचिव अरविंद सिंह ह्यांकी एवं डॉ. बी.वी.आर.सी. पुरुषोत्तम सहित सम्बन्धित अन्य उच्चाधिकारी उपस्थित थे।