मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आज जौलीग्रान्ट में SDRF के नवनिर्मित मुख्यालय भवन एवं फायर स्टेशन का लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने SDRF के जवानों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया। कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि 11 हजार फीट से अधिक ऊँचाई पर किए जाने वाले रेस्क्यू कार्यों के लिए SDRF में कार्य करने वाले राजपत्रित अधिकारियों को अर्द्धसैनिक बलों की तर्ज पर ₹1500 एवं अराजपत्रित अधिकारियों एवं कर्मचारियों को ₹1000/दिन जोखिम भत्ता प्रदान किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि आपदा प्रबन्धन में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाए जाने के उद्देश्य से SDRF की छठी कम्पनी गठित की जाएगी, जिसमें प्राथमिकता के आधार पर एक-तिहाई महिला कार्मिकों की नियुक्ति की जाएगी। SDRF में प्रतिनियुक्ति की समयावधि 07 वर्ष से बढ़ाकर 10 वर्ष की जाएगी। मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि लगभग 144.43 करोड़ की लागत से निर्मित SDRF के मुख्यालय में प्रशिक्षण एवं आपदा प्रबंधन की दृष्टि से अन्य गतिविधियां भी होंगी। SDRF के जवानों और अधिकारियों द्वारा अपने कर्तव्यों का निर्वहन साहस, वीरता, सेवा और समर्पण भाव से किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि एसडीआरएफ उत्तराखण्ड ने अपनी कार्यकुशलता एवं रेस्क्यू दक्षता के चलते राज्य के आम जनमानस के साथ-साथ प्रतिवर्ष धार्मिक, आध्यात्मिक एवं साहसिक पर्यटन हेतु राज्य में आने वाले लाखों लोगों के मन मस्तिष्क में अपनी एक विशिष्ट पहचान बनाई है। कार्यक्रम में हरिद्वार सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, अपर मुख्य सचिव मती राधा रतूड़ी, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने भी विचार रखे। इस अवसर पर विधायक बृज भूषण गैरोला, सचिव आपदा प्रबंधन डॉ. रंजीत कुमार सिन्हा समेत एवं पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।