मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में राष्ट्रीय होम्योपैथिक सम्मेलन ‘होम्योकॉन- 2023’ का शुभारंभ किया और होम्योपैथिक पर बनी डॉक्यूमेंट्री को लॉन्च किया। इस अवसर पर उन्होंने होम्योपैथी के क्षेत्र में सराहनीय कार्य करने वाले चिकित्सकों को सम्मानित भी किया। मुख्यमंत्री धामी ने होम्योपैथी के जन्मदाता सैमुअल क्रिश्चियन हैनिमैन का स्मरण करते हुए कहा कि उन्होंने होम्योपैथी के रूप में एक ऐसी उपचार पद्धति विकसित की, जो अत्यंत कारगर होने के साथ साथ किफायती भी थी। उन्होंने कहा कि शरीर ही सारे कर्तव्यों को पूर्ण करने का एकमात्र साधन है। शरीर की रक्षा करना और उसे निरोगी बनाये रखना मनुष्य का सर्वप्रथम कर्तव्य है। यदि मनुष्य निरोगी होगा तो, वह जीवन में सब कुछ कर सकता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत में पारम्परिक चिकित्सा प्रणाली को बढावा देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने वर्ष 2014 में पृथक से आयुष मंत्रालय का गठन किया था। राज्य सरकार प्रदेश में आयुष चिकित्सा को मुख्यधारा में लाने के लिए प्रयासरत है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार देवभूमि को एक महत्वपूर्ण आयुष प्रदेश के रूप में स्थापित करने हेतु कृत संकल्पित है। उत्तराखण्ड जैसे विषम भौगोलिक परिस्थिति वाले राज्य में आयुष और विशेष रूप से किफायती और कारगर होने के कारण होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति की महत्ता और बढ़ जाती है।
इस अवसर पर केन्द्रीय राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे, सचिव आयुष एवं आयुष शिक्षा डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, कुलपति दून विश्वविद्यालय प्रो. सुरेखा डंगवाल, निदेशक होम्योपैथिक डॉ. जे.एल. फिरमाल, डॉ. रामजी सिंह, डॉ. नितीष दुबे एवं होम्योपैथी से जुड़े चिकित्सक उपस्थित थे।