उत्तराखंड;- प्रवीन टण्डन, महाप्रबन्धक (विधि) पिटकुल, देहरादून के द्वारा महाप्रबन्धक (विधि एवं क०स० ) के पद पर कार्यकाल के दौरान एवं वर्तमान में विभिन्न प्रकरणों में अपने वैधानिक कार्यदायित्वों के निर्वहन में बरती गयी लापरवाही, कार्यों के प्रति उदासीनता , गम्भीर दुराचार, व्यापक अनुशासनहीनता, प्रदेश की सम्मानित महिलाओं के विरुद्ध असत्य वाद दायर करना, वैधानिक कार्यों में व्यवधान उत्पन्न करना, कारपोरेशन को आर्थिक दण्ड / क्षति की संभावना इत्यादि आरोपों पर विभागीय जाँच आदेशित की जाती है। विभागीय जाँच में मुद्दे अधिक हैं, जिनके विस्तृत आरोप-पत्र पृथक से जारी किये जायेंगे।
कारपोरेशन मुख्यालय में रहते हुए टण्डन के द्वारा दस्तावेजों से छेड़छाड़ करने एवं पद प्रभाव का दुरूपयोग करने की सम्भावना एवं जाँच को दूषित करने की संभावना के दृष्टिगत कारपोरेशन में प्रचलित सरकारी सेवक (अनुशासन एवं अपील) नियमावली, 1999 के प्रस्तर-4 में उल्लिखित प्राविधानों के अन्तर्गत उन्हें जाँच कार्यवाही लम्बित रहने तक एतद्द्वारा कारपोरेशन के प्रभावी नियमों के अधीन तत्काल प्रभाव से निलम्बित किया जाता है तथा कार्यालय मुख्य अभियन्ता (परि०एवंअनु०), गढ़वाल क्षेत्र, पिटकुल रूड़की के कार्यालय से सम्बद्ध किया जाता है। साथ ही टण्डन को निर्देशित किया जाता है कि वह अपने नियंत्रक अधिकारी की अनुमति प्राप्त किये बिना अपने मुख्यालय से इतर प्रस्थान नहीं करेंगे। निलम्बन अवधि में टण्डन अपने महाप्रबन्धक (विधि) के पद का कार्यभार अशोक कुमार जुयाल, महाप्रबन्धक (मा०सं०) (औ०) को हस्तगत करेंगे।
निलम्बन की अवधि में टण्डन को नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता अनुमन्य होगा। जीवन निर्वाह भत्ते का भुगतान तभी किया जायेगा, जबकि टण्डन इस आशय का प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करेंगे कि वह किसी अन्य सेवायोजन, व्यापार, वित्त व्यवसाय में नहीं लगे हैं।