हेमकुंड : हेमकुंड साहिब में अटलाकोटी से हेमकुंड तक भारी बर्फ जमी होने के कारण कपाट खुलने पर पुलिस प्रशासन ने यात्री सुरक्षा के लिए बुजुर्ग-बच्चों को यात्रा को लेकर रोका गया था। साथ ही यात्रियों की संख्या भी प्रतिदिन दो हजार सीमित रखी गई थी। हेमकुंड साहिब में तेजी से बर्फ पिघल रही है। अब यहां अटलाकोटी से हेमकुंड तक रास्ते में लगभब दो फीट से चार फीट बर्फ ही बची है। हेमकुंड साहिब यात्रा मार्ग पर अटलाकोटी से हेमकुंड के लिए रास्ते से बर्फ तेजी से कम होने के साथ इस यात्रा मार्ग पर बुजुर्ग-बच्चों के साथ यात्रियों की संख्या सीमित निर्धारण को भी हटा दिया गया है। डंडी-कंडी सेवा भी हेमकुंड तक जारी हो गई है। हेली सेवा भी हेमकुंड के बेस कैंप घांघरिया तक यात्रियों को सेवा दे रही है। पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र सिंह डोबाल ने कहा कि यात्रियों की संख्या और बच्चे-बुजुर्गों पर लगाई गई रोक अब नहीं है।
लेकिन पैदल रास्ते से पूरी तरह बर्फ हटने से यात्री बर्फ के ऊपर नहीं, बल्कि खंडिचा मार्ग में आवाजाही कर रहे हैं जो कि सुरक्षित है। अटलाकोटी ग्लेशियर में भी खंडिचा मार्ग से आवाजाही हो रही है। यात्री सुरक्षा को लेकर यहां पर रेलिंग भी लगा दी गई है। श्रद्धालु अब अटलाकोटी से हेमकुंड तक कंडी व डंडी से आवाजाही कर सकेंगे। हालांकि घोडे़-खच्चर अभी भी अटलाकोटी तक ही जा रहे हैं। हेमकुंड साहिब में सरोवर के एक तिहाई क्षेत्र में बर्फ पिघलने से सरोवर भी दिखने लगा है। गौरतलब है कि हेमकुंड साहिब यात्रा पर अब तक 97 हजार से अधिक यात्री पहुंच चुके हैं।