देहरादून: कांग्रेस ने लैंड जिहाद को लेकर भाजपा पर तीखा हमला बोला है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि हरिद्वार में बड़ा उदासीन अखाड़े की ओर से भाजपा के क्षेत्रीय विधायक मदन कौशिक पर जमीन पर कब्जा करने के आरोप लगाए गए हैं। अखाड़े के आरोपों का कांग्रेस समर्थन करती है। माहरा ने देहरादून में दो स्थानों पर नगर निगम की भूमि पर अतिक्रमण के मामले उठाते हुए उन्होंने कहा कि भाजपा के नेता असली लैंड जेहाद कर रहे हैं। उन्होंने सरकार से भाजपा सरकार के मंत्रियों, विधायकों से लेकर पार्षदों की संपत्ति की जांच की मांग की, ताकि सच्चाई सामने आ जाए।
प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में शनिवार को करन माहरा ने लैंड जेहाद को लेकर आवाज उठाने वाली भाजपा और उसकी सरकार पर ही भूमि को खुर्द-बुर्द करने के आरोप मढ़े। पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने हरिद्वार में अखाड़ों से जुड़े संतों के वीडियो की रिकार्डिंग दिखाते हुए स्थानीय विधायक मदन कौशिक को निशाने पर लिया। माहरा ने कहा कि हरिद्वार के बड़ा उदासीन अखाड़ा ने विधायक कौशिक पर अखाड़े की जमीन कब्जा करने का आरोप लगाया है। कई वर्षों से तमाम अखाड़े से जुड़े संत कौशिक और उनके परिवार के खिलाफ इस प्रकार की शिकायतें कर रहे हैं। गृह मंत्री अमित शाह से भी शिकायत की गई है।संत मोहन गिरी के अपहरण और हत्या का मामला भी उठाया गया। माहरा ने कहा कि हरिद्वार व देहरादून में भाजपा के नेता, चाहे विधायक, पार्षद या मंत्री हों, उनकी संपत्ति की जांच होनी चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि असली लैंड जिहाद के सूत्रधार भाजपा के वरिष्ठ नेता ही हैं।
भाजपा की धामी सरकार अपनी कमियों को छिपाकर कहीं मंदिर तो कहीं मजारों पर अतिक्रमण का आरोप लगा रही है लेकिन अगर इसकी जांच करा लें तो सबसे बड़े घोटालेबाज भारतीय जनता पार्टी के नेता ही निकलेंगे। उन्होंने देहरादून नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत डांडा लखौंड में शिकायतकर्ता भाजपा नेता अजय सिंघल के हवाले से सूचना के अधिकारी के तहत मांगी गई जानकारी साझा की।उन्होंने कहा कि डांडा लखौंड में सिद्धार्थ पैरा मेडिकल कालेज ने सरकारी भूमि पर अतिक्रमण किया। शिकायत को लेकर 12 अगस्त, 2022 को संयुक्त टीम की जांच रिपोर्ट में कालेज पर अलग-अलग खसरा संख्या में नगर निगम की 0.3196 हेक्टेयर यानी साढ़े तीन बीघा जमीन पर कब्जे की बात सामने आई। बाद में निगम की रिपार्ट में 0.3196 हेक्टेयर भूमि के स्थान पर बेदखली की कार्रवाही मात्र 0.030 हेक्टेयर पर ही करने का जिक्र किया गया। इसके अतिरिक्त डालनवाला थाने के समीप नगर निगम की एक बड़ी भूमि पर किसी बाहरी व्यक्ति ने कब्जा किया, लेकिन निगम ने उस व्यक्ति से टैक्स भी जमा कर लिया। इससे उस व्यक्ति का निगम की जमीन पर अधिकार और पुख्ता हो गया।