देहरादून:- आगामी लोकसभा चुनाव में शहरी क्षेत्रों की ऊंची इमारतों व झुग्गी-झोपड़ी के पास भी मतदान केंद्र बनाए जाएंगे। इसकी कसरत निर्वाचन कार्यालय ने शुरू कर दी है। शुक्रवार को मुख्य निर्वाचन अधिकारी वी षणमुगम की अध्यक्षता में मतदान प्रतिशत बढ़ाने, विशेषकर शहरी क्षेत्रों में मतदाताओं की उदासीनता कम करने के लिए मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों की बैठक हुई। बैठक में मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया, शहरी क्षेत्र के मतदाता मतदान के प्रति उदासीन रहते हैं। इसको ध्यान में रखते हुए आयोग की ओर से ग्रुप हाउसिंग सोसाइटी और ऊंची इमारतों के परिसरों व शहरी, अर्द्ध शहरी क्षेत्रों के आसपास की झुग्गी-झोपड़ी समूहों के पास ही मतदान केंद्र बनाने के लिए मतदेय स्थलों की मानकीकरण व पुनर्निर्धारण का काम कर रहा है। बताया, वर्तमान में राज्य में स्थापित 11,647 मूल मतदेय स्थलों के पुनर्निर्धारण, संशोधन, परिवर्तन प्रस्ताव आयोग को भेजे गए हैं।
पुनर्निधारण में मतदाताओं के लिए दो किमी से अधिक पैदल दूरी से 99 मतदेय स्थल नए प्रस्तावित किए गए हैं। वर्तमान में मतदाताओं की संख्या 1500 से अधिक होने से पांच मतदेय स्थल बढ़ाए गए है। इस प्रकार के कुल 104 मतदेय स्थलों की वृद्धि हुई है। इसके अलावा एक ही भवन में एक से अधिक मतदेय स्थलों की समीक्षा में 27 मतदेय स्थलों को समायोजित कर कम किया गया है। 121 मतदेय स्थलों के कुछ ग्राम, वार्ड, मुहल्ले (अनुभाग) आदि को मतदाताओं की सुविधा के मुताबिक, उसी मतदान क्षेत्र के अंतर्गत अन्य मतदेय स्थल में शामिल किया गया है। 524 मतदेय स्थल भवनों से संबंधित शिक्षण संस्थानों के उच्चीकरण, मतदेय स्थल भवनों के नाम में परिवर्तन, संशोधन के बाद मतदेय स्थल भवन के नाम में परिवर्तन और 187 मतदेय स्थल भवन के क्षतिग्रस्त होने या जीर्ण-शीर्ण होने से अन्य उपयुक्त शासकीय भवन में भवन परिवर्तन का प्रस्ताव है।
समायोजन के बाद प्रदेश में मतदेय स्थलों की संख्या बढ़कर 11,724 हो गई है। उन्होंने राजनीतिक दलों के प्रस्ताव समय से देने को कहा। बैठक में अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी विजय कुमार जोगदंडे, सहायक मुख्य निर्वाचन अधिकारी मस्तूदास, आम आदमी पार्टी के जोत सिंह बिष्ट, भाजपा के पुनीत मित्तल, राजीव शर्मा, संजीव विज, कांग्रेस से अमरजीत सिंह, बसपा के प्रमोद कुमार आदि मौजूद थे।