हल्द्वानी को कूड़े से मुक्त करने का उद्देश्य, कूड़ा जलाने वालों पर भी रहेगी पुलिस की नजर, पुलिस ने लगाए 90 से अधिक सीसीटीवी कैमरे

हल्द्वानी:- नगर निगम की कूड़ा गाड़ी सुबह आंख खुलने से पहले स्पीकर बजाते हुए गली-मोहल्ले में पहुंच जाती है। उद्देश्य शहर को कूड़े से मुक्त करना है, मगर कई लोग कूड़ा जलाकर पर्यावरण को प्रदूषित कर रहे हैं। ऐसे लोगों पर अब पुलिस की तीसरी आंख (सीसीटीवी) नजर रखेगी। एसएसपी का कहना है कि कूड़े में आग लगाने वालों को चिह्नित कर फुटेज नगर निगम को देंगे। हल्द्वानी में पुलिस ने 90 से अधिक सीसीटीवी कैमरे लगाए हैं। इनके जरिए संदिग्धों व अपराधियों पर नजर रखी जाती है और यातायात नियंत्रित किया जाता है। कैमरे स्पीकर सिस्टम से लैस हैं। नगर निगम के मेयर डा. जोगेंद्र रौतेला ने गत दिनों तत्कालीन डीजीपी अशोक कुमार के जनसंवाद कार्यक्रम के दौरान 40 लाख रुपये सीसीटीवी के लिए देने की घोषणा की थी। यह मद पुलिस के पास पहुंचा और शहर में कैमरे लग गए। इसका लाभ पुलिस को मिल रहा है।

मेयर डा. जोगेंद्र रौतेला चाहते थे कि इन कैमरों से अपराधी व आपराधिक घटनाओं के अलावा कूड़ा जलाने वालों पर भी नजर रखी जाती तो अच्छा रहता। यह संदेश एसएसपी मीणा तक पहुंच चुका है। एसएसपी का कहना है कि उनकी एक टीम पूरे दिन सीसीटीवी की मॉनिटरिंग करती है। इस दौरान शहर में कोई कूड़ा जलाते हुआ दिखता है तो उसे चिह्नित करने में पुलिस को आपत्ति नहीं है। इसका फुटेज निकालकर निगम को उपलब्ध करा सकते हैं।

कूड़ा कचरा न जलाने के नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के निर्देशों की शहर में धज्जियां उड़ रही हैं। कूड़ा कचरा जलाकर वातावरण को प्रदूषित करने में कोई पीछे नहीं है। अधिकतर दुकानदार अपनी दुकानों की सफाई के बाद निकले कूड़े को इकट्ठा करके जला रहे हैं। पॉलीथिन की थैलियां, सूखी पत्तियां जलने से हानिकारक जहरीली गैसें भी निकलती हैं, जो सेहत के लिए खतरनाक है।वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रहलाद नारायण मीणा ने कहा शहर में कैमरे लगाने में नगर निगम का भी योगदान रहा है। निगम अगर चाहता है कि हम उन्हें कूड़ा जलाने वालों के बारे में बताएं तो यह काम कठिन नहीं है। निगम को फुटेज दे सकते हैं।

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