जो स्थिति आज है वही स्थिति 1977 भी हुई थी: हरीश रावत

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कांग्रेस नेताओं के भाजपा में जाने के बारे में कहा कि जो स्थिति आज है वही स्थिति 1977 में हुई थी। यह परिवर्तन का वर्ष है। उन्होंने हरिद्वार लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के सवाल पर कहा कि कांग्रेस पार्टी जिसे टिकट देगी, उसके लिए काम करुंगा। यदि मेरे बेटे को अवसर मिले तो ठीक है। वह भी पार्टी के लिए काफी समय से काम कर रहा है।

तहसील स्थित कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में रावत ने कहा कि प्रदेश सरकार की ओर से शराब को घर-घर पानी की तरह पहुंचाया जा रहा है। सूखा नशा भी सुदूरवर्ती गांवों तक पहुंच गया है। नशे को दूर-दूर तक पहुंचाना बिना प्रशासनिक और राजनीतिक संरक्षण के नहीं हो सकता। पहले पंजाब उड़ता पंजाब था, अब उत्तराखंड भी उसी लाइन पर जा रहा है। नशे के कारोबार को रोकने के लिए सभी राजनीतिक दलों को आगे आना चाहिए।

पूर्व मुख्यमंत्री ने विधानसभा का बजट सत्र गैरसैंण के बजाय देहरादून में करने को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार के समय गैरसैंण विधानसभा में यह प्रस्ताव पारित हुआ था कि हर साल विधानसभा का बजट सत्र गैरसैंण में आयोजित होगा। लेकिन प्रदेश की भाजपा सरकार ठंड के कारण विधानसभा के बजट सत्र को देहरादून में कर रही है जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है। कहा, अधिकांश विभागों में उपनल कर्मचारी 7-8 सालों से अधिक समय से सेवा दे रहे हैं। विद्यालयों में भी अंशकालिक शिक्षकों के बिना काम नहीं हो रहा। न तो उनकी सेवा और न ही उनके भविष्य की सुरक्षा है। विधानसभा का एक दिन का विशेष सत्र बुलाकर उपनलकर्मियों के नियमितीकरण के लिए कानून बनाया जाना चाहिए। कहा कि 2016 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार ने उपनलकर्मियों की नियमितीकरण किया था। इस अवसर पर जयेंद्र रमोला, राकेश सिंह, मनीष शर्मा, ऋषि सिंघल, मनीष जाटव आदि उपस्थित रहे।

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