अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) ऋषिकेश के समीप स्थित शिवाजी नगर क्षेत्र की आबादी शनिवार की सुबह तेज धमाकों से दहल उठी। सभी लोग घर से बाहर निकल आए। यहां गली नंबर 18 ए में बने एक गौआश्रम से धुआं उठ रहा था। समझते देर नहीं लगेगी क्या घटना हुई है। भीषण आग से अंदर बंधे तीन गोवंशी जल गए। आश्रम मलिक के द्वारा यहां अवैध रूप से मरीज और उनके तीमारदारों को ठहराया जाता है। करीब 12 लोग भीतर मौजूद थे। किसी तरह सभी ने भाग करके अपनी जान बचाई। एक साध्वी झुलस गई है। फायर ब्रिगेड और पुलिस की टीम मौके पर पहुंची।
वहां मौजूद कुछ लोगों की पुलिस की टीम से नोक-झोंक हुई। किसी तरह से आग पर काबू पा लिया गया। इस घटना ने शिवाजी नगर क्षेत्र में अवैध रूप से चलने वाले इस तरह के पेइंग गेस्ट हाउस की व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं। शिवाजी नगर की घनी आबादी के बीच मोनी बाबा नाम के एक व्यक्ति ने गौआश्रम बना रखा है। यहां गोवंश ही नहीं बल्कि एम्स में आने वाले मरीज और उनके तीमारदारों को भी ठहराया जाता है। जिनका कुछ भी लेखा-जोखा आश्रम स्वामी के द्वारा नहीं रखा जाता है। शनिवार की सुबह जब यह अग्निकांड हुआ तो पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम को आवश्यक जानकारी जुटाने में काफी परेशानी आई।
बताया जाता है कि यहां सुबह-सुबह रसोई में कुछ बनाया जा रहा था। भूसे का ढेर भी यहां काफी मात्रा में लगा हुआ है, जिसमें आग लगी। हरिद्वार से एक साध्वी अपने माता-पिता को लेकर यहां आई थी उसे एम्स में जाना था, वह भी आग से झुलस गई है। पुलिस के अनुसार यहां पर करीब 12 लोग रात में ठहरे हुए थे। शिवाजी नगर के भीतर से होकर जाने वाले नाले के ऊपर अतिक्रमण करके यह आश्रम कब्जा कर बनाया गया है। मौके पर पहुंचे एम्स चौकी प्रभारी विनेश कुमार ने बताया कि आग पर काबू पा लिया गया हैं, पूरे मामले की जांच की जा रही है।