सीमांत की सड़कों पर मानसून में यात्रा करना मुश्किल, पर्यटकों को सतर्क रहने की सलाह

पिथौरागढ़। सीमांत की सड़कों पर मानसून सीजन में सफर आसान नहीं है। यहां आने वाले पर्यटक और अन्य यात्रियों को ऐसे स्थलों पर सावधानी से सफर करना होगा।

पिथौरागढ़-घाट राष्ट्रीय राजमार्ग पर धनौड़ा बैंड, मटेला, चुपकोट, मीना बाजार में चट्टानें कच्ची हैं। इन जगहों पर भूस्खलन का खतरा बना रहता है। बेड़ीनाग में राईआगर से 200 मीटर आगे, देवीनगर और गणाई से चौकी में तीव्र मोड़ और सड़क संकरी है। मुनस्यारी में सरमोली, जैंती, मदकोट से आगे, जौलजीबी में बलधार मंदिर, लोनिवि गेस्ट हाउस, गुलाम बैंड लविंग प्वाइंट, ढुंगातोली, चिफलतरा बलमरा से एक किमी आगे सड़क संकरी होने से भूस्खलन का खतरा है। गंगोलीहाट रोड पर झूलाबैंड, नाली गांव, रौतेड़ा के पास तीखे मोड़ हैं। नाचनी में हरड़िया नाला, रातीगाड़ में भूस्खलन का खतरा बना रहता है। डीडीहाट रोड पर घिमाली, घोरपट्टा, अस्नोला, दूनाकोट में सफर सावधानी से करना होगा।
थल-पिथौरागढ़ मार्ग पर सिरौला से 500 मीटर आगे, लेक घाटी मंदिर, कमतोली, मेलापानी, बोराईजर, भकुंडा, सिलगांव, थल-बेड़ीनाग सड़क पर चौनीपाल, बरड़ बैंड, चौनीपातल पानी के धारे के पास और थल-डीडीहाट रोड पर पमतोड़ी बैंड से आगे तीव्र मोड़ हैं। अस्कोट क्षेत्र में हेल्पिया, गैराड़गाड़, पिनौरापुल, भैंसखाली, नारायणनगर तिराहा, झूलाघाट रोड पर घोपटिया, धारचूला में कालिका बैंड, कोलधार मोड़, ऐलागाड़, दोबाट, गस्कू, मलघाट, गर्ब्यांग, नजंग आदि जगहों पर सड़क की चौड़ाई कम है। कुछ जगहों पर खतरनाक यू टर्न हैं। साथ ही ऊपरी पहाड़ी से पत्थरों के गिरने का भी भय बना रहता है।

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