उत्तराखंड त्रिस्तरीय पंचायत संगठन ने 24 जून से प्रदेशव्यापी आंदोलन का एलान किया है। संगठन का कहना है पंचायतों का दो साल का कार्यकाल बढ़ाने की मांग को लेकर एक राज्य एक पंचायत चुनाव के नारे के साथ आंदोलन शुरू किया जाएगा। संगठन के संयोजक जगत मर्तोलिया के मुताबिक वार्ड सदस्य, ग्राम प्रधान, क्षेत्र एवं जिला पंचायत के 70 हजार निर्वाचित प्रतिनिधि आंदोलन में शामिल होंगे। जो 89 ब्लॉक और 12 जिला मुख्यालयों में धरना प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री को मांग पत्र भेजेंगे। सरकार मांग पर जब तक लिखित आश्वासन नहीं देगी, आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा, वर्ष 2019 में पंचायतों के चुनाव हुए थे, लेकिन कोविड की वजह से पंचायत प्रतिनिधि क्षेत्र में कोई काम नहीं करा पाए।
संगठन की सरकार से मांग है कि पंचायतों का दो साल का कार्यकाल बढ़ाते हुए हरिद्वार जिले के साथ सभी जिलों में चुनाव कराए जाएं। संगठन के संयोजक के मुताबिक उत्तराखंड में 2001 में राज्य सरकार ने एक साल तीन माह का कार्यकाल बढ़ाया था। आज भी राज्य के ग्राम पंचायत, क्षेत्र पंचायत, जिला पंचायत के कार्यालयों में लगे साइन बोर्ड इसके प्रमाण हैं। उन्होंने बताया कि हरिद्वार में राज्य सरकार ने वर्ष 2020 के बाद दो बार कार्यकाल बढ़ाया है। देश के विभिन्न राज्यों ने अध्यादेश लाकर पंचायत का कार्यकाल बढ़ाया भी है। राज्य में चुनाव आचार संहिता की वजह से पूर्व में आंदोलन को स्थगित किया गया था। अब उत्तराखंड के 12 जिलों में आंदोलन को तेज करने के लिए रणनीति बना ली गई है।
हरिद्वार जिले को भी आंदोलन में सहयोग के लिए कहा गया है। उन्होंने बताया इससे पहले संगठन की ऑनलाइन बैठक हुई। बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष संगठन की प्रदेश अध्यक्ष सोना सजवान, क्षेत्र प्रमुख संगठन के प्रदेश अध्यक्ष डॉ.दर्शन सिंह दानू, जिला पंचायत सदस्य संगठन के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप भट्ट, ग्राम प्रधान संगठन के प्रदेश अध्यक्ष भास्कर शामिल रहे।