रुद्रपुर में जिला आबकारी अधिकारी को रिश्वत लेते रंगेहाथ दबोचने के बाद विजिलेंस की टीम अब उनकी संपत्ति को भी खंगालेगी। इसके लिए एक टीम ने काशीपुर स्थित उनके आवास पर छापा मारा। इस दौरान टीम ने घर में मौजूद सदस्यों से जानकारी जुटाई और आवश्यक दस्तावेजों को अपने कब्जे में ले लिया है। टीम छह घंटे से भी अधिक समय तक वहीं डटी थी। विजिलेंस की एक टीम मंगलवार को आईटीआई थाना पुलिस के साथ दोपहर लगभग तीन बजे जिला आबकारी अधिकारी मिश्रा के काशीपुर के बाजपुर रोड स्थित आवास पर पहुंची।
शाम करीब साढ़े छह बजे टीम के दो सदस्यों के घर के बाहर खड़ी कार को खंगाला। इस दौरान कार्रवाई की वीडियोग्राफी भी कराई गई। कार्रवाई के दौरान किसी को भी प्रवेश नहीं दिया गया। यहां तक मिश्रा की पत्नी की मालिश करने आई महिला को भी लौटा दिया। कार्रवाई के दौरान आस- पड़ोस के लोग भी घरों से बाहर नहीं निकले। खबर लिखे जाने तक कार्रवाई जारी थी। जानकारी के अनुसार मिश्रा 13 वर्ष पहले काशीपुर में आबकारी इंस्पेक्टर उनके घर को खंगाला जा रहा है। संपत्ति की भी जांच की जाएगी। इसके अलावा उनके पुराने रिकार्ड भी जानकारी ली जा रही है। यदि, रिश्वत से बनाई गई संपत्ति सामने आती है तो शासन से अनुमति लेकर उस पर कार्रवाई की जाएगी। अनिल मनराल, सीओ, विजिलेंस के पद पर थे। उनकी तीन बेटियां और एक बेटा है। तीनों बेटियों की शादी हो चुकी है।
आबकारी विभाग पहले भी फर्जीवाड़ा के मामले में सुर्खियां बटोर चुका है। अक्तूबर 2023 में शराब के ठेकों में बड़ा गड़बड़झाला सामने आया था। इसमें आबकारी विभाग की ओर से देसी व अंग्रेजी शराब की दुकानों के आवंटन में 12 ठेकों के लिए लगाई गई बैंक गारंटी फर्जी पाई गई थी। जिस बैंक से गारंटी दिखाई गई थी, उस बैंक ने ही गारंटी जारी होने से इन्कार कर दिया था। सहायक आयुक्त ने जांच में फर्जीवाड़ा बताया था। आबकारी आयुक्त ने जिला आबकारी अधिकारी को नोटिस जारी कर जवाब भी मांगा था। ये मामला अभी थमा नहीं कि जिला आबकारी अधिकारी रिश्वत के आरोप में धर लिए गए।