नदी-नालों के रौद्र रूप को देखते हुए उत्तरकाशी में जिलाधिकारी ने कावड़ यात्रियों और ट्रैकिंग के लिए गोमुख जाने पर रोक लगाई

उत्तराखंड में चार दिन से रुक-रुक कर हो रही वर्षा ने पहाड़ से लेकर मैदान तक जनजीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। नदी-नालों ने रौद्र रूप धारण कर लिया है। इसे देखते हुए उत्तरकाशी में जिलाधिकारी ने कांवड़ यात्रियों और ट्रेकिंग के लिए गोमुख जाने पर रोक लगा दी है।

गोमुख क्षेत्र में गदेरे पर बना लकड़ी का अस्थायी पुल बहने से 36 कांवड़ यात्री 24 घंटे  तक फंसे रहे। इन्हें शुक्रवार शाम एसडीआरएफ और वन विभाग की टीम ने सुरक्षित निकाल लिया। जबकि, गुरुवार को चीड़बासा के पास गदेरे के उफान में बहे दिल्ली निवासी दो कांवड़ यात्रियों का पता नहीं चल पाया है।

यमुनोत्री और गंगोत्री हाईवे बंद

शनिवार को भी यमुनोत्री और गंगोत्री हाईवे मलबा आने से बंद हो गया, जिसे बाद में यातायात के लिए सुचारू कर दिया गया।  वहीं शुक्रवार को उत्तरकाशी में बरासू बैंड के पास भूस्खलन होने से फाइबर केबल क्षतिग्रस्त हो गई। इससे जिला मुख्यालय सहित करीब 250 गांजे में चार घंटे तक संचार सेवा बाधित रही।

शुक्रवार को धरासू बैंड के निकट गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग भी करीब पांच घंटे अवरुद्ध रहा। यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग भी पहाड़ी से मलबा आने के चलते घरास बैंड से करीब एक किमी आने सात घंटे और डाबरकोट के पास चार घंटे बंद रहा।

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