प्रदेश की ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में 21 अगस्त से तीन दिवसीय मानसून सत्र शुरू होगा। वहीं, पूर्व सीएम हरीश रावत गैरसैंण में उपवास पर बैठेंगे। उनका कहना है कि ग्रीष्मकालीन राजधानी के चिह्न खोलने के लिए गैरसैंण जाऊंगा। भाजपा सरकार के शासन में गैरसैंण की लगातार उपेक्षा की जा रही है। रावत ने सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, ऋषिकेश से बदरीनाथ और गैरसैंण की तरफ जाते समय ग्रीष्मकालीन राजधानी के बड़े-बड़े बोर्ड लगे हैं। 21 अगस्त को विधानसभा का मानसून सत्र शुरू होगा। उसी दिन मैं गैरसैंण में ग्रीष्मकालीन राजधानी के चिह्न खोजने के लिए जाऊंगा।
पहले गैरसैंण में स्थापित महावीर चंद्र सिंह गढ़वाली की प्रतिभा के सामने उपवास पर बैठूंगा। गैरसैंण की लगातार उपेक्षा हो रही है। ग्रीष्मकालीन राजधानी में कुछ नहीं हुआ है। उधर, संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा, गैरसैंण को लेकर कांग्रेस की दोहरी मानसिकता है।
पिछले साल सरकार ने गैरसैंण में सत्र कराने का निर्णय लिया, लेकिन कांग्रेस के विधायकों ने भी इस आपत्ति जताई। अब सरकार ग्रीष्मकालीन राजधानी में मानसून सत्र कराने जा रही है। इस पर कांग्रेस नेता धरना प्रदर्शन करने की बात कर रहे हैं।