केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा-स्नातक (एनईईटी-यूजी) 2024 परीक्षा पेपर के कथित लीक होने के मामले में तीसरी चार्जशीट दाखिल की है। अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि पटना की विशेष सीबीआई अदालत में दाखिल चार्जशीट में सीबीआई ने 21 लोगों को आरोपी बनाया है।
एजेंसी ने आरोप लगाया कि एनईईटी-यूजी 2024 के प्रश्नपत्रों वाले ट्रंक को हजारीबाग के ओएसिस स्कूल में पहुंचाया गया और पांच मई की सुबह उन्हें एक नियंत्रण कक्ष में संग्रहीत किया गया। सीबीआई का आरोप है कि स्कूल के प्रधानाचार्य अहसानुल हक और उप-प्रधानचार्य इम्तियाज आलम ने ट्रंक के पहुंचने के तुरंत बाद ‘मास्टरमाइंड’ पंकज कुमार को नियंत्रण कक्ष में जाने की अनुमति दी। हक और आलम के खिलाफ इस मामले में पहले ही आरोप पत्र दाखिल किया जा चुका है।
जांच एजेंसी ने बताया कि जमशेदपुर स्थित राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान के 2017 बैच के सिविल इंजीनियर पंकज कुमार ने ट्रंक खोलने और प्रश्न पत्रों तक पहुंचने के लिए अत्याधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल किया। सीबीआई ने कमरे से सीसीटीवी फुटेज के साथ ये उपकरण भी जब्त कर लिए हैं।
परीक्षा की सुबह, एम्स पटना, रिम्स रांची और भरतपुर के एक मेडिकल कॉलेज के सात एमबीबीएस छात्रों के एक समूह ने हजारीबाग में पेपर हल किया। इसके बाद एजेंसी ने इन कथित सॉल्वरों को गिरफ्तार कर लिया है।
सीबीआई के एक प्रवक्ता ने कहा था, ‘सॉल्व किया गया पेपर उन चुनिंदा छात्रों के साथ साझा किया गया था, जिन्होंने आरोपियों को पैसे दिए थे। अधिकांश सॉल्वरों की पहचान कर ली गई है और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। उन्हें साजिश के तहत विशेष रूप से हजारीबाग लाया गया था।’
जांच में गिरोह के अन्य सदस्यों की भी पहचान की गई है, जिन्होंने कुमार की सहायता की थी और कई गिरफ्तारियां की गईं। सीबीआई ने एक बयान में कहा, ‘इस समूह को उन व्यक्तियों द्वारा समर्थन दिया गया था, जिन्होंने उम्मीदवारों के लिए आवास प्रदान किया, जबकि अन्य ने उनके परिवहन की सुविधा प्रदान की थी। हल किए गए प्रश्न पत्र तक पहुंचने वाले उम्मीदवारों का पता लगाने के प्रयास जारी हैं और आवश्यक कार्रवाई की जा रही है।”