मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, उनकी पत्नी गीता धामी और बेटे को अपनी दुकान पर देख मिट्टी के दीपक और मूर्तियां बेच रहा कारीगर हैरान था। दंपती ने उसकी कारीगरी को सराहा तो उत्साहित कारीगर ने भी बोल दिया- आते रहिएगा सीएम सर। यह दृश्य था चकराता रोड स्थित कुम्हार शॉप का, जहां मुख्यमंत्री परिवार के साथ भ्रमण पर निकले थे। सीएम ने विश्वकर्मा बंधुओं के मिट्टी के दीपक और मूर्तियां खरीदीं और डिजिटल माध्यम से भुगतान किया। ऐसा कर उन्होंने स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने का संदेश भी दिया।
शासकीय और सियासी व्यस्तताओं से समय निकालकर मुख्यमंत्री भी आम नागरिक की तरह दिवाली की खरीदारी करने बाजार पहुंचे। वहां पहुंचकर उन्होंने किसी कारीगर की दुकान से दीये खरीदे तो किसी की दुकान से मिट्टी की मूर्तियां। गीता धामी ने लक्ष्मी-गणेश की मूर्तियां लीं।
इस अवसर पर सीएम ने कहा कि स्थानीय स्तर पर छोटे कारीगर बड़ी मेहनत से दैनिक जीवन में उपयोग होने वाली वस्तुएं बनाते हैं। हाथ से निर्मित होने के चलते इन वस्तुओं की लागत अधिक आती है। उन्होंने सभी से अपील की कि हस्तनिर्मित स्थानीय उत्पादों को अधिक से अधिक खरीदें जिससे इस पेशे से जुड़े लोगों की जीविका चलती रहे और स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा मिले।
सीएम ने कहा कि पीएम मोदी स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहित करने के लिए वोकल फॉर लोकल के संदेश को आत्मसात करने की भी सभी को प्रेरणा मिलेगी। स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देना विकसित भारत निर्माण का भी एक महत्वपूर्ण पहलू है। इस अवसर पर महानिदेशक सूचना बंशीधर तिवारी भी उपस्थित रहे।