नई दिल्ली:- संभल जिले स्थित जामा मस्जिद बनाम हरिहर मंदिर विवाद मामले में मस्जिद पक्ष की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार को सुनवाई हुई। निचली अदालत के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस संजय कुमार की बेंच ने सख्त टिप्पणियां की हैं।
उच्चतम न्यायलय ने जिला प्रशासन को सख्त निर्देश देते हुए कहा कि वह यह सुनिश्चित करें कि संभल में शांति व्यवस्था बनी रहे, साथ ही निचली अदालत से भी कहा कि संबंधित मामले में फिलहाई कोई एक्शन न ले। मामले की अगली सुनवाई 6 जनवरी के बाद होगी। शुक्रवार को संभल मामले में सुनवाई शुरू हुई तो मस्जिद कमेटी ने दलील देते हुए कहा कि सर्वे का आदेश उसी दिन आ गया जिस दिन आवेदन दायर किया गया था और यह दोनों की तारीख 19 नवंबर थी। यही नहीं सर्वे भी उसी दिन शाम 6 बजे से लेकर रात 8.30 बजे तक हुआ।
मस्जिद पक्ष ने कोर्ट के सामने कहा कि 23 नवंबर को जब हम कानूनी सलाह लेने की तैयारी कर रहे थे तभी उसी दिन आधीरात में पता चला कि सर्वे अगले दिन ही होगा।
24 नवंबर को सुबह 6.15 बजे सर्वे की टीम मस्जिद पहुंच गई और सुबह की नमाज के लिए जो नमाजी इकट्ठा थे उन्हें वहां से जाने के लिए कहा गया। मस्जिद पक्ष की दलील के बाद उच्चतम न्यायलय ने निचली अदालत को निर्देशित किया वह इस मुकदमे में तब तक आगे न बढ़े, जब तक कि सर्वे के आदेश को चुनौती देने वाली मस्जिद समिति की याचिका हाईकोर्ट में सूचीबद्ध न हो जाए। इसके अलावा कोर्ट ने कमिश्नर की रिपोर्ट को सीलबंद लिफाफे में रखने और इस दौरान उसे न खोलने का भी निर्देश दिया। साथ ही उत्तर प्रदेश प्रशासन को भी सख्त निर्देश दिए कि संभल में शांति और सद्भाव बने रहना चाहिए।
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने याचिकाकर्ता से पूछा कि आप हाई कोर्ट क्यों नहीं गए, आपको नहीं लगता कि इस मामले में पहले हाईकोर्ट जाना उचित होता। उन्होंने कहा कि बेहतर होगा कि आप अपनी दलीलें उचित पीठ के सामने रखें। संभल में जुमे की नमाज से हाईअलर्ट जारी किया है। स्थिति पर नियंत्रण के लिए चप्पे पर भारी पुलिस बल तैनात है। पूरा इलाका छावनी बना हुआ है। इलाके में थ्री लेयर व्यवस्था बनाई गई है। इसमें पुलिस, पीएसी और रैपिड एक्शन फोर्स के जवानों के साथ ही पुलिस व प्रशासन के अधिकारी मौजूद हैं। सशस्त्र जवानों के साथ ही दमकल दस्ता भी मौजूद है। मस्जिद के सभी रास्तों पर बेरिकेडिंग कराई जाएगी।