भारतीय नव वर्ष के स्वागत में रविवार को परमट स्थित आनंदेश्वर मंदिर में गुड़ी पड़वा पर्व मनाया गया। बाबा शिव का विशेष शृंगार कर धर्म ध्वजा फहराई गई। हिंदू संवत्सर 2082 के शुभारंभ पर मंदिर में ढोल–नगाड़े की थाप बाबा भोलेनाथ के जयकारे गूंजे। जूना अखाड़ा के महंत अरुण भारती, अवधेशानंद महाराज, अत्रिवन महाराज ने पूजन कर धर्म ध्वजा स्थापित की। महंत अरुण भारती ने बताया कि आज ही के दिन भगवान ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना की थी। सनातनी परंपरा के अनुसार, आज के दिन से हिंदू नव वर्ष का शुभारंभ हुआ था। इस मौके पर जूना अखाड़ा के मीडिया प्रभारी आशुतोष कुमार अंश, आचार्य प्रमोद शास्त्री, कीर्ति अग्निहोत्री, अजय पुजारी, संजय पुजारी, सतनारायण गिरी महाराज, अभय मिश्रा, जीतू बाजपेई आदि मौजूद रहे।
गुड़ी का अर्थ विजय पताका या ध्वजा होता है, इसलिए मंदिर में धर्म ध्वजा (गुड़ी) बनाई गई। इसके लिए मिट्टी का एक कलश लिया गया और उसे बांस की छड़ी पर उल्टा रखकर, लाल कपड़े (साड़ी) से सजाया गया। गुड़ी को नीम या आम के पत्तों, फूलों व मिठाई की माला से सजा कर पूजा की गई। बाबा शिव का आशीर्वाद लेने पहुंचे भक्तों व मंदिर के पुजारी ने विशेष पूजन के बाद आरती की।