पंजाब सरकार ने मेडिकल टीचिंग फैकल्टी की रिटायरमेंट उम्र बढ़ाने का किया ऐतिहासिक कदम

पंजाब:- पंजाब में मेडिकल टीचिंग फैकल्टी की रिटायरमेंट उम्र अब 65 साल होगी। एमबीबीएस और एमडी के छात्रों को पढ़ाने वाले प्रोफेसरों की सेवानिवृत्ति 62 की उम्र में हो जाती थी। इसे तीन साल बढ़ा दिया गया है। इस फैसले से मौजूदा समय में 41 प्रोफेसरों को लाभ मिलेगा। यह अहम फैसला शुक्रवार को पंजाब की मंत्रिमंडल की बैठक में लिया गया। मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में सीएम आवास पर हुई कैबिनेट की बैठक में 6 अहम फैसले लिए गए। कैबिनेट में हुए फैसलों के बारे में जानकारी देते हुए वित्तमंत्री हरपाल सिंह चीमा ने बताया कि स्वास्थ्य क्षेत्र में मेडिकल ऑफिसर यानी स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की रिटायरमेंट उम्र जो पहले 58 साल थी, उसे बढ़ाकर 65 साल कर दिया है। 58 साल की उम्र में स्पेशलिस्ट डॉक्टरों के रिटायर होने पर उन्हें 65 साल की उम्र तक एक्सटेंशन दी जाएगी। यानी 7 साल के लिए चाहे तो स्पेशलिस्ट डॉक्टर कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर सकते हैं। 58 साल की उम्र में इन स्पेशलिस्ट डॉक्टरों का जो आखिरी वेतन होगा, उसे ध्यान में रखते हुए कॉन्ट्रैक्ट पर एक्सटेंशन देते हुए वेतन दिया जाएगा।

वित्तमंत्री चीमा ने कहा कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति श्रेणी के अधिवक्ताओं के लिए एजी ऑफिस में 58 पदों का आरक्षित किया है। कैबिनेट ने पंजाब लॉ ऑफिसर्स (एंगेजमेंट) एक्ट, 2017 में संशोधन को मंजूरी दी है। इस संशोधन के जरिए मान के मंत्रिमंडल ने दलित वर्ग के अधिवक्ताओं को सरकारी वकील बनने यानी एजी ऑफिस में प्रवेश के लिए आय के जो पुराने मापदंड तय किए थे, उनमें 50 प्रतिशत की कटौती कर दी है, ताकि एजी ऑफिस में रिजर्व रखे गए इन 58 पदों में से खाली 15 पर भर्ती को सिरे चढ़ाया जा सके। चीमा ने कहा कि पुरानी सरकारों ने तीसरी और चौथी श्रेणी में तो अनुसूचित वर्ग को आरक्षण दिया, लेकिन क्लास वन अफसरों में इस प्रकार का आरक्षण नहीं दिया। इस संशोधन के जरिए अब एजी ऑफिस में 58 पदों पर जिनमें सीनियर एडवोकेट जनरल, एडिशनल एडवोकेट जनरल, सीनियर डिप्टी एडवोकेट जनरल, डिप्टी एडवोकेट जनरल, असिस्टेंट एडवोकेट जनरल या एडवोकेट जनरल के पदों पर यह आरक्षण लागू होगा।

इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट के अलॉटियों को सरकार ने राहत देते हुए वन टाइम सेटलमेंट स्कीम लाकर पीनल इंटरेस्ट को माफ कर दिया है। नाॅन कंस्ट्रक्शन फीस पर अब तक जो जुर्माना लगाया गया है, उसका केवल 50 प्रतिशत ही अलॉटियों को जमा कराना होगा। प्रदेशभर में इम्प्रूवमेंट ट्रस्ट के अलॉटियों को इसका लाभ मिलेगा। वित्तमंत्री चीमा ने कहा कि इससे पहले सरकार ने गमाडा, गलाडा और इंडस्ट्री के क्षेत्र में ओटीएस देकर रिहायशी और औद्योगिक क्षेत्र को बढ़ा लाभ पहुंचाया है। भौगोलिक और प्रशासनिक पहुंच बढ़ाने, कार्य कुशलता में सुधार, खर्च कम करने और विधायी समन्वय बनाए रखने के लिए मंत्रिमंडल ने राज्य में मौजूदा ब्लॉकों के पुनर्गठन और इसे तर्कसंगत बनाने के लिए भी हरी झंडी दे दी है। इसके साथ ही कैबिनेट ने प्रदेश के वन क्षेत्र के 100 मीटर के दायरे में ईको सेंसिटिव जोन लागू करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। यह प्रस्ताव पर्यावरण मंत्रालय को अंतिम मंजूरी के लिए भेजा जाएगा।

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