वॉशिंगटन:- अमेरिका की हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में हाल ही में आयोजित ‘पाकिस्तान कान्फ्रेंस’ को लेकर छात्रों की गहरी नाराजगी सामने आई है। पहलगाम आतंकी हमले के बाद हार्वर्ड के साउथ एशिया इंस्टीट्यूट में रविवार को यह विवादित कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इसकी तीखी आलोचना करते हुए छात्रों ने कहा कि परिसर में सरकार समर्थित टेरर नैरेटिव को वैधता मिल रही है। हार्वर्ड की छात्रा सुरभि तोमर ने कहा, “पहलगाम हमला एक लक्षित धर्म आधारित नरसंहार था। ऐसे में हार्वर्ड उन अधिकारियों को आमंत्रित करता है, जो वैचारिक रूप से इस तरह के कृत्य को उचित ठहराते हैं। इससे हमारे परिसर में सरकार समर्थित टेरर नैरेटिव को वैधता मिलने का खतरा पैदा होता है।”
उन्होंने बताया कि छात्रों ने अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो से उन अधिकारियों का वीजा रद करने की मांग की है, जो आतंकवाद संबंधित विचारधारा का समर्थन करते हैं। जबकि एक अन्य छात्रा रश्मिनी कोपरकर ने निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि कार्यक्रम में शामिल हुए अतिथियों ने पहलगाम हमले की न तो निंदा की और न ही कोई संवेदनशीलता दिखाई। इधर, ‘पाकिस्तान कान्फ्रेंस’ पर विवाद बढ़ने पर हार्वर्ड के साउथ एशिया इंस्टीट्यूट ने मंगलवार को एक बयान जारी किया और पहलगाम हमले को लेकर दुख व्यक्त किया।
इसके साथ ही सफाई में कहा कि छात्रों और उनके संकाय सलाहकार ने स्वतंत्र रूप से यह कार्यक्रम आयोजित किया था। इस बीच, हार्वर्ड केनेडी स्कूल के भारतीय छात्रों ने परिसर में पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल के आगामी दौरे का विरोध किया और रुबियो को पत्र लिखकर पहलगाम हमले के मद्देनजर उनका वीजा रद करने की मांग की है। छात्रों ने कहा कि परिसर में होने वाले कार्यक्रम के लिए पाकिस्तान के वित्त मंत्री मोहम्मद औरंगजेब समेत पाकिस्तानी प्रतिनिधियों को बुलाया गया है।