महाराष्ट्र की राजनीति गरमाई, शपथ से पहले भोंडेकर का इस्तीफा सुर्खियों में

नागपुर में आज महाराष्ट्र सरकार की कैबिनेट का शपथ ग्रहण समारोह हो रहा है। इस शपथ ग्रहण समारोह से पहले एक बड़ी खबर सामने आई है। बताया जा रहा है कि कैबिनेट में जगह ना मिलने की वजह से नाराज भंडारा के विधायक नरेंद्र भोंडेकर ने शिवसेना के उप नेता के पद से त्यागपत्र दे दिया है।
सूत्रों की मानें तो नरेंद्र भोंडेकर को मंत्री पद देने का वादा एकनाथ शिंदे ने चुनाव के दौरान ही किया था, हालांकि, आज उनको कैबिनेट में स्थान नहीं मिला है। इस बात से आहत होकर भंडारा के विधायक नरेंद्र भोंडेकर ने पार्टी के उपनेता के पद से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि, शिवसेना (शिंदे गुट) की ओर से इसको लेकर अभी कोई आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है।

39 विधायकों ने ली मंत्री पद की शपथ

नागपुर में महाराष्ट्र कैबिनेट का पहला विस्तार हुआ। इस दौरान कुल 39 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली है। महाराष्ट्र के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन ने सभी को मंत्री पद की शपथ दिलाई। मंत्री पद की शपथ लेने वाले विधायकों में बीजेपी के 19, शिवसेना के 12 और एनसीपी के 8 विधायक शामिल हैं।
जिन विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली है, उनमें बीजेपी के पंकजा मुंडे, अतुल सावे, चंद्रकांत पाटिल, गिरीश महाजन, राधाकृष्ण विखे पाटिल, संजय सावकारे, नितेश राणे, जयकुमार गोरे, शिवेंद्र राजे भोसले, आशीष शेलार, अशोक उईके, माधुरी मिसाल, पंकज भोईर, मेघना बोर्डिकर, चंद्रशेखर बावनकुल, मंगलप्रभात लोढ़ा, जयकुमार रावल, आकाश पांडुरंग फुंडकर और गणेश नाइक शामिल हैं।

इसी के साथ एनसीपी के जिन विधायकों ने शपथ ली उनमें हसल मुश्रीफ, दत्तात्रय भरणे, इंद्रनील नाइक, बाबासाहेब मोहनराव पाटील, नरहरि झिरवाल, माणिकराव कोकाटे, अदिति तटकरे और धनंजय मुंडे शामिल हैं। इसके साथ ही शिवसेना के गुलाबराव पाटिल, आशीष जायसवाल,योगेश कदम, संजय शिरसाट, प्रकाश अबितकर, भरत गोगावले, प्रताप सरनाइक, उदय सामंत, संजय राठौड़, शंभू राज देसाई और दादा भूसे ने मंत्री पद की शपथ ली है।
महायुति को मिली है शानदार जीत

उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में महायुति ने राज्य की 288 सीटों में से 230 सीटें जीतकर सत्ता हासिल की। भाजपा 132 सीटों के साथ सबसे आगे रही, उसके बाद शिंदे की शिवसेना 57 और पवार की एनसीपी 41 सीटों पर रही। कांग्रेस, शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (एसपी) से मिलकर बनी एमवीए ने बेहद खराब प्रदर्शन किया और केवल 46 सीटें ही जीत पाई।

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