देहरादून : प्रदेश के स्वास्थ्य विभाग में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी बनी है। प्रदेश सरकार स्वास्थ्य विभाग में विशेषज्ञ चिकित्सकों और शिक्षा विभाग में अफसरों की रिटायरमेंट की उम्र बढ़ सकती है। विभागों में इनकी कमी को देखते हुए विशेषज्ञ चिकित्सकों की उम्र 60 से बढ़ाकर 65 और शिक्षा विभाग के अफसरों की 60 के स्थान पर 62 साल की जा सकती है। सरकारी अस्पतालों में इनके 60 प्रतिशत से अधिक पद खाली हैं। खासकर पर्वतीय जिलों के अस्पतालों में विशेषज्ञ चिकित्सक नहीं हैं। विशेषज्ञ चिकित्सक के इन खाली पदों पर नियुक्ति विभाग के लिए पहले से चुनौती बनी है। विभाग की ओर से उत्तर प्रदेश की तर्ज पर अब उत्तराखंड में भी इनकी सेवानिवृत्ति की आयु बढ़ाने की तैयारी है।
स्वास्थ्य एवं शिक्षा मंत्री डाॅ. धन सिंह रावत के मुताबिक मेडिकल कालेजों से सरकारी अस्पतालों को कितने विशेषज्ञ चिकित्सक मिल सके हैं। इसकी समीक्षा के बाद विशेषज्ञ चिकित्सकों की रिटायरमेंट की आयु बढ़ाने के लिए कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जाएगा, जबकि शिक्षा विभाग के मामले में जल्द ही जिला शिक्षा अधिकारियों और खंड शिक्षा अधिकारियों की बैठक के बाद ही इस पर निर्णय लिया जाएगा। शिक्षा विभाग में शिक्षा निदेशक सीमा जौनसारी और एससीईआरटी के अपर निदेशक आरडी शर्मा सहित 14 अधिकारी इस साल सेवानिवृत्त हो रहे हैं, जबकि अगले साल भी उप निदेशक से लेकर अपर निदेशक स्तर के 14 अन्य अधिकारी रिटायर हो जाएंगे। वहीं, विभाग में वर्तमान में निदेशक के तीन पदों में से एक पद खाली है। अपर निदेशक के दो पद खाली हैं। संयुक्त निदेशक के पांच और उप निदेशक के सात पद खाली हैं। अधिकारियों के 20 प्रतिशत से अधिक पद खाली हैं।