सरकार की नीतियों की आलोचना और मीडिया को बयान देने के मामले में शिक्षकों पर कार्रवाई शुरू

देहरादून:- शिक्षकों पर मीडिया और सोशल मीडिया में सरकार की नीतियों की आलोचना और मीडिया को बयान देने के मामले में कार्रवाई शुरू हो गई है। इस कड़ी में पहली कार्रवाई राजकीय शिक्षक संघ की एससीईआरटी शाखा के अध्यक्ष डॉ. अंकित जोशी पर गिरी है। डॉ.जोशी अटल उत्कृष्ट स्कूलों के बोर्ड रिजल्ट को लेकर काफी मुखर थे। इसके साथ ही वह मीडिया और सोशल मीडिया में बयानबाजी पर रोक के विभागीय आदेश के खिलाफ भी लगातार सक्रिय हैं। डॉ.जोशी को नोटिस राज्य शैक्षिक अनुसन्धान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) के एडी डॉ. आरडी शर्मा की ओर से जारी किया गया है।
डॉ.शर्मा ने बताया कि निदेशक के स्तर से कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं। सरकारी नीतियों के खिलाफ मीडिया व सोशल मीडिया में बयान जारी करना आचरण नियमावली का उल्लंघन है। डॉ.जोशी को नोटिस देकर बुधवार तक स्पष्टीकरण मांगा है।

एससीईआरटी, सीमेट और डायट में जमे शिक्षकों में खलबली

एससीईआरटी, सीमेट और डायट में लंबे समय से डटे शिक्षकों में भी खलबली की स्थिति है। दरअसल, डीजी-बंशीधर तिवारी ने लंबे समय से अकादमिक संस्थान में डटे सभी शिक्षकों को अनिवार्य तबादलों के दायरे में लाने के निर्देश दिए हैं। साथ ही तबादला एक्ट के मानकों के अनुसार दुर्गम में तबादले से छूट प्राप्त शिक्षकों की भी पड़ताल की जा रही है। तबादला ऐक्ट में ऐसे कार्मिकों का एक से दूसरे कार्यालय या निकटवर्ती जिले में पारस्परिक तबादले का भी प्रावधान किया गया है। सूत्रों के अनुसार, विभाग के इस बार अकादमिक संस्थानों के शिक्षकों के प्रति सख्त रुख को भी नेताओं की बयानबाजी को जिम्मेदार माना जा रहा है।

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