बारिश के बाद हल्द्वानी में नाला उफान पर, लोगों ने घरों में खोजी सुरक्षित स्थान

हलद्वानी में गुरुवार देर रात हुई बारिश के बाद कलसिया नाला उफान पर आ गया। बादल फटने जैसे हालात देखकर लोग घरों से बाहर निकलकर सुरक्षित स्थान खोजने लगे।  खतरे को देखते हुए पुलिस प्रशासन की टीम मौके पर पहुंची और नाले के किनारे 20 से अधिक घरों को खाली कराया। इधर देर रात जीएसटी कार्यालय के पास नाले में एक बुलेट बह गई। बुलेट तो बरामद हो गई, लेकिन युवक का अभी तक पता नहीं चल पाया है।

पहाड़ों पर ज्यादा बारिश होने से कलसिया नाला अक्‍सर उफान पर आ जाता है। पुल के नीचे करीब 60 से ज्‍यादा परिवार रह रहे हैं। बरसात में लोगों को खतरा है इसलिए प्रशासन ने पहले ही घर खाली करवाने के नोटिस लोगों को थमा दिए थे, लेकिन लोग घर छोड़ने को तैयार नहीं हुए।

गुरुवार को हल्‍द्वानी में देर रात बारिश हुई। व‍हीं पहाड़ों पर भी बारिश होने से कलसिया नाला उफान पर आ गया और घरों के अंदर घुस गया। हर तरफ चीख पुकार मच गई, लोग जान बचाने को इधर उधर भागते रहे। सूचना पर सिटी मजिस्‍ट्रेट एपी वाजपेयी, एसडीएम परितोष वर्मा, तहसीलदार सचिन कुमार, काठगोदाम एसओ विमल मिश्रा और चौकी इंचार्ज फ‍िरोज आलम राहत और बचाव कार्य में जुट गए। लोगों को इंटर कॉलेज में शरण दी गई है।

देर रात नाले का पानी कम हो गया था, लेकिन पुलिस और प्रशासन की टीम मौके पर डटी रही। वहीं देवखड़ी नाला पार करते वक्तन बुलेट सवार काठगोदाम निवासी आकाश बह गया। बुलेट तो कुछ दूरी पर मिल गई, लेकिन युवक का पता नहीं चल पाया। आकाश के तीन बेटे हैं, वहीं पत्नीक गर्भवती है। देर रात विधायक सुमित हृदयेश भी कलसिया और देवखड़ी नाले के पास पहुंचे। उन्होंुने लोगों से सतर्क रहने की अपील की।भीमताल के जंगलियागांव में भूस्खलन के कारण गांव को जाने वाली सड़क बंद हो गई, जिससे ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। लोक निर्माग विभाग ने कुछ घंटों बाद मार्ग को खोल दिया। ग्राम प्रधान राधा कुल्यारल ने बताया कि पहले भी लोक निर्माण विभाग से इस मार्ग पर हो रहे भूस्खलन से बचाव के लिए सुरक्षात्म कार्य करने की मांग की गई थी। लेकिन विभाग द्वारा कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई। इसी कारण हल्की बरसात में भी भूस्खलन हो रहा है।

गौला नदी का जलस्तमर भी गुरुवार रात बढ़ गया था। अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम गौलापार के पास गौला नदी में काम कर रही तीन पोकलैंड नदी में फंस गई। जिन्हें  बाद में सुरक्षित बाहर निकाला जा सका।

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