अगले साल जनवरी-फरवरी में होने वाले राष्ट्रीय खेलों की तैयारी तेज हो गई है। हालांकि स्थानीय अफसर समय पर तैयारी पूरी करने के लिए संजीदा दिखाई नहीं दे रहे। बृहस्पतिवार को यहां गौलापार स्टेडियम में तैयारियों के बाबत आए खेल निदेशक प्रशांत आर्या के कई मामूली सवालों के वे जवाब तक नहीं दे पाए।
28 जनवरी से 14 फरवरी तक प्रस्तावित 38वें राष्ट्रीय खेलों पर भारतीय ओलंपिक संघ ने बुधवार को अंतिम मुहर लगा दी है। इसी कारण खेल निदेशक तैयारी तेज कराने के लिए पहुंचे थे। यहां खो-खो, तलवारबाजी, फुटबाल, वुशु, मॉडर्न पेंटाथलॉन आदि की प्रतियोगिताएं होना हैं। निदेशक के दौरे के वक्त उप खेल निदेशक, जिला खेल अधिकारी, उप जिला खेल अधिकारी, कोच समेत कई विशेषज्ञ मौजूद थे। वह स्टेडियम के हर हिस्से में गए। इस दौरान निदेशक ने पूछा स्टेडियम कब बना, खाली हॉल किसके लिए प्रयोग होगा। दोनों ही सवालों का जवाब उन्हें नहीं मिल पाया।
बाद में उन्होंने बैडमिंटन हॉल में लगे स्मोक सेंसर के बारे में पूछा तो अफसर फोटो खींचकर गूगल लेंस पर तलाशने लगे। कोई नहीं बता सका कि यह क्या है। हद तो तब हो गई जब खाली पड़े जिम में संसाधन पर चर्चा शुरू हुई। उन्होंने पूछा हमें क्या-क्या संसाधन चाहिए, कितना बजट आएगा। कोई जवाब नहीं दे सका। तब निदेशक को यह तक कहना पड़ा कि यहां कोई अनुभवी है जो बता सके। तब भी पहले की तरह सन्नाटा छाया रहा। एक अफसर ने तो मामला खत्म करने के लिए यहां तक कहा दिया कि राष्ट्रीय खेलों के लिए जिम अनिवार्य नहीं है। तब निदेशक ने कहा कि हमें राष्ट्रीय खेलाें से ऊपर बढ़कर सोचना होगा। ताकि कभी अंतरराष्ट्रीय खेल कराने का मौका मिले तो हमारे पास संसाधन हों।
निदेशक ने राष्ट्रीय खेलों के दौरान स्टेडियम में निर्बाध बिजली आपूर्ति पर जोर दिया। साथ ही इंडोर स्टेडियम की दीवारें आदि के सुंदरीकरण कराने के भी निर्देश दिए। बैडमिंटन हॉल में एग्जास्ट फैन शुरू करवाने के लिए भी कहा।
जल्द शुरू होंगे कैंप-
निदेशक आर्या ने बताया कि उत्तराखंड ओलंपिक संघ खेलों के कैंप के लिए जगह निर्धारित कर रहा है। जल्द ही कैंपों की शुरुआत की जाएगी।
सबसे ज्यादा गुजरात और गोवा से आएंगे खिलाड़ी
इवेंट टीम ने निदेशक को बताया कि 10 दिन बाद राष्ट्रीय खेलों में आने वाले खिलाड़ियों की संख्या का पता चल जाएगा। गुजरात और गोवा से सर्वाधिक खिलाड़ी आने का अनुमान है। इनकी संख्या करीब 10 हजार होगी।