चारधाम यात्रा प्रबंधन व संचालन के लिए प्राधिकरण बनाने पर मंथन शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस संबंध में निर्देश दिए थे और अपर मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन से रिपोर्ट मांगी थी। मुख्यमंत्री के निर्देश पर सिर्फ चारधाम यात्रा ही नहीं राज्य में होने वाली अन्य यात्राओं के प्रबंधन एवं संचालन की स्थायी व्यवस्था को लेकर विचार-विमर्श शुरू हो गया है।
अपर मुख्य सचिव ने अपने कार्यालय कक्ष में पर्यटन, धर्मस्व, पुलिस, सूचना विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में राज्य में संचालित होने वाली यात्राओं की व्यवस्थाओं और उस दौरान पेश आने वाली चुनौतियों, दिक्कतों और समस्याओं के संबंध में चर्चा की गई।
बैठक में यह विचार किया गया कि सुरक्षित, सुगम और व्यवस्थित यात्रा संचालित करने के लिए स्थायी तंत्र बनाया जाना आवश्यक है। इसके लिए प्राधिकरण बनाए जाने की संभावना पर विचार किया गया। अपर मुख्य सचिव ने कहा कि यात्रा को व्यवस्थित ढंग से संचालित करने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी, डाटा विश्लेषण और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की मदद ली जा सकती है।
डाटा विश्लेषण के जरिये यह अनुमान लगाया जा सकता है कि कितनी संख्या में श्रद्धालु आएंगे और किस-किस तिथियों पर अधिक भीड़ जुट सकती है। इन अनुमानों के आधार पर शासन और प्रशासन अपनी तैयारियां कर सकता है।
उन्होंने बैठक में उपस्थित अधिकारियों को अपने-अपने विभागों से संबंधित बिंदुओं पर एक रिपोर्ट मांगी। साथ ही गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडेय को सूचनाएं प्राप्त करने के लिए एक प्रश्नावली तैयार करने के निर्देश दिए। ये प्रश्नावली यात्रा व्यवस्था से संबंधित विभागों और जिलाधिकारियों को भेजी जाएंगी।
एसीएस ने कहा कि यह पहली बैठक थी, इसलिए इसमें अभी चारधाम यात्रा की व्यवस्थाओं को समझने का प्रयास किया गया। कुछ दिन बाद फिर से एक बैठक होगी, जिसमें जिलाधिकारियों को भी वर्चुअल माध्यम से जोड़ा जाएगा।